सी0से0इं0 पूर्वोत्तर रेलवे गोण्डा ने द्वेष वश पहले नोटिस में लिखा पत्रकार का नाम,
बाद में ठेकेदार के लेटर पैड का किया दुरुपयोग हुआ खुलासा
पूर्वोत्तर रेलवे,गोण्डा। रेलवे भूमि पर निर्मित करीब ढाई दर्जन दुकानों में से कई दुकानदारों द्वारा पीछे दरवाजा तो खोला ही गया साथ में रेलवे भूमि पर हैण्डपम्प लगवाकर दीवार उठवाकर कब्जा किए जाने की खबर कई समाचार पत्रों में प्रकाशित होने पर सी.से.इ. द्वारा न चाहते हुए भी अवैध कब्जा हटवाना पड़ा। विदित हो कि सीनियर सेक्शन इंजीनियर पूर्वोत्तर रेलवे गोण्डा सुभाष चन्द्र चौधरी द्वारा दिनाँक 16 मार्च 2024 को सभी दुकानदारों के दीवारों पर द्वेष व साजिशन एक पत्र चस्पा कराया गया जिसमें लिखा कि सन्तोष कुमार शर्मा के मार्गदर्शन में दिनाँक 20 मार्च 2024 को अतिक्रमण हटाया जाएगा। सन्तोष कुमार शर्मा द्वारा प्रकरण की शिकायत मण्डल रेल प्रबंधक से करने के बाद वरिष्ठ मण्डल इंजीनियर तृतीय लखनऊ द्वारा दिनाँक 06.5.2024 को मनमाफिक जारी किए गए पत्र में लिखा गया कि सभी तथ्यों की जांचोपरांत सी.से.इ.दोषी नही पाए गए। अब सवाल यह उठता है प्रकरण की जांच कब और किससे की गई। जांच संदिग्ध लगने पर आरटीआई के तहत डीईएन तृतीय लखनऊ द्वारा तैयार की गई जांच आख्या रिपोर्ट की छायाप्रति मांग की गई है। इतना ही नही सी.से.इ. द्वारा दिनाँक 14.4.2024 को अंश कंस्ट्रक्शन के नाम का एक कूटरचित लेटर पैड तैयार कराकर फर्म प्रो0 मोनू सिंह के तरफ से लिखवाया गया कि सेमरा कालोनी स्थित आवास संख्या 51 परित्यक्त है जो मेरे द्वारा सामग्री रखने हेतु उपयोग किया जा रहा है जिसमें ओ.एस. एडीईएन गोण्डा गणेश गुप्ता के साथ पत्रकार सन्तोष शर्मा एक सप्ताह से आ रहे हैं। हमारे कर्मचारी से कहा कि यदि आप लोग व सी.से.इ.चाहते हैं कि शिकायत न हो तो हर महीने दीजिए अन्यथा शिकायत की जाएगी। वहीं आरोपों की पुष्टि करने पर अंश कंस्ट्रक्शन के प्रो0 मोनू सिंह ने प्रकरण को गंभीरता से लेते हुए कहा कि हमारे द्वारा दिनांकित 14 अप्रैल 2024 को बगैर पत्रांक संख्या का कोई लेटर पैड नही लिखा गया है यदि किसी के द्वारा हमारे लेटर पैड का दुरुपयोग किया गया है तो गम्भीर अपराध की श्रेणी में आता है उसके विरुद्ध अभियोग दर्ज होना चाहिए ताकि भविष्य में वह कूटरचना न कर सके। वहीं जानकारी लेने पर लोगों ने मोनू सिंह की तारीफ करते हुए कहा गया कि वह कभी झूठ नही बोलते और न ही झूठ का साथ देते हैं। ओएस एडीइएन कार्यालय गोण्डा गणेश गुप्ता से सम्पर्क न होने के चलते उनका पक्ष नही लिया जा सका अगले अंक में उनका पक्ष भी प्रकाशित करने का प्रयास किया जाएगा।
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