कटरा बाजार में संचालित मानक विहीन प्राइवेट हॉस्पिटल कर रहे मनमानी, जिम्मेदार बेखबर
कई घटनाओं के बाद भी नहीं हुई कार्यवाही,जा चुकी हे कई मरीजों की जान।
आखिर कुंभकर्णी नीद से कब जागेगा प्रशासन।
कर्नलगंज, गोण्डा। जिम्मेदार प्रशासनिक एवं विभागीय अधिकारियों की उदासीनता के चलते कर्नलगंज तहसील क्षेत्र के अन्तर्गत कटरा बाजार में संचालित मानक विहीन प्राइवेट हॉस्पिटल जमकर मनमानी कर रहे हैं। यहाँ कई घटनाओं के बाद भी कोई कार्यवाही नहीं हुई है और कई मरीजों की जान जा चुकी है। वहीं जिम्मेदार प्रशासन और विभागीय अधिकारी बेखबर हैं।
ताजा मामला कटरा बाजार में संचालित ओ.पी. तिवारी हॉस्पिटल से जुड़ा है। पीड़ित कोयले ने बताया की वह अपनी पत्नी का इलाज करवाने सरकारी हॉस्पिटल कटरा बाजार लेकर आए थे,जहां एक कटरा बाजार की आशा जिनका मोबाइल नंबर 7233801899 है मिली उन्होंने मुझसे बताया की चलो हम बाहर अच्छी दवा करवा देते हैं और पूरी जिम्मेदारी हमारी है। कहा कि यह मेरा नंबर है कोई दिक्कत होगी तो तुरंत मुझे फोन करना कहकर मेरे पत्नी को ओ पी तिवारी हॉस्पिटल ले गईं,जहां मेरी पत्नी सीता का इलाज हुआ। पत्नी के पेट में दर्द था जिसकी जांच डायग्नोस्टिक सेंटर में कराई उसकी रिपोर्ट उपलब्ध है। मेरे पत्नी का एबार्शन कर दिया गया जिस पर डाक्टर ने 22166 रुपए का बिल बनाया तथा 7000 रुपए ब्लड चढ़वाने के नाम पर लिया। जब हमने कहा की हमारे पास इतना पैसा नही है तो डाक्टर ने कहा की जब तक पूरा बिल का भुगतान नहीं करोगे तब तक मरीज नही ले जाने देंगे। तब काफी परेशान होकर हमने डायल 112 को सूचना दिया 112 की पुलिस आने के बाद लोगों ने मुझे धमकाया की अगर सुलह नही करोगे तो तुम्हारा मरीज हमारे पास है फिर मुझसे कुछ मत कहना। उसके बाद डाक्टर तथा 112 के सिपाही व उग्रसेन तिवारी आदि लोगों ने मुझसे जबरदस्ती सुलहनामा लिखवा लिया। हम डर बस सुलह कर लिए की हमारा मरीज डाक्टर के पास है कुछ कर ना दें। जब डाक्टर ओ पी तिवारी का पर्चा लेकर हमने दूसरे डाक्टर को दिखाया तो पता चला की यह दवा 4 से 5 हजार रुपए की है। मुझे डर लगा की डाक्टर ने मुझे दुबारा बुलाया तो कही कोई उल्टा सीधा दवा न कर दे। अब सवाल यह उठता है कि लगातार अवैध हॉस्पिटल की खबर समाचार पत्रों में प्रकाशित हो रही है फिर किसी भी हॉस्पिटल की जांच क्यों नहीं हो रही है तथा जब आशा बहुओं की नियुक्ति मरीज की सहयोग के लिए हुई है की यह मरीज को सरकारी हॉस्पिटल ले कर जाएं तथा समुचित इलाज कराए लेकिन यह प्राइवेट हॉस्पिटल लेकर क्यों जाती हैं,कहीं आर्थिक लाभ के चक्कर में मरीजों के जिंदगी तथा पैसे से खिलवाड़ तो नहीं कर रही है। फिलहाल पीड़ित के बयान से तो यही साबित हो रहा है। बता दें क्षेत्र में संचालित मानक विहीन प्राइवेट हॉस्पिटल जमकर मनमानी कर रहे हैं और कई घटनाओं के बाद भी कोई कार्यवाही नहीं हुई है। यही नहीं कई मरीजों की जान भी जा चुकी है। वहीं जिम्मेदार प्रशासन और विभागीय अधिकारी बेखबर हैं। अब देखना यह है कि आला अधिकारियों की कुंभकर्णी नींद टूटती है या नहीं और यह मरीजों का हो रहा खुलेआम शोषण कब तक चलता रहता है।
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