उर्स के दौरान जवाबी कव्वाली में बांधी समां,झूम उठे जायरीन
उजमा नाज फैजाबादी ने पढ़ी - ‘छिपा के दिल में एक राज रखती हूं अपने उस्ताद की जिंदा आवाज रखती हूं,जो भी जलता है मुझे देखकर तो जलने दो कसम अल्लाह की मैं हुसैनी मिजाज रखती हूं’।
गोण्डा। जिले के ग्राम सिंहा चंदा के पहलीपुरवा गांव में स्थित हजरत युसुफ शाह रहमतुल्लाह अलैह के आस्तान-ए-आलिया पर उर्स के दूसरे दिन उजमा नाज फैजाबाद व साकिब शाबरी फैजाबाद का शानदार मुकाबला हुआ। दरगाह शरीफ के खादिम अकबर हुसैन की निगरानी में समापन हुआ। शनिवार की रात्रि में कव्वाली का शानदार प्रोग्राम हुआ। उजमा नाज फैजाबादी ने पढ़ी - ‘छिपा के दिल में एक राज रखती हूं अपने उस्ताद की जिंदा आवाज रखती हूं। जो भी जलता है मुझे देखकर तो जलने दो कसम अल्लाह की मैं हुसैनी मिजाज रखती हूं’। वहीं साकिब शाबरी फैजाबाद कव्वाल ने जबाब में पढ़ा- ‘दरबारे चिश्तिया की तरफ जब वो नजर गई,महसूस ये हुआ मेरी हस्ती संवर गई। आंखों को नहीं चाहिए अब कोई नजारा, तस्वीर मेरे ख्वाजा की दिल में उतर गई’। जिसे सुनकर पंडाल में बैठे जायरीन झूम उठे। कव्वालों के अच्छे कलाम सुनकर जायरीनों ने भी रुपयों से मेहमान नवाजी करने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी। हजारों की संख्या में आये बूढ़े, जवान व बच्चों में भारी उत्साह दिखा। कव्वाली स्थल व दरगाह के आसपास मिठाई, गट्टा, खिलौने की दुकान सजी हुई थी, जो किसी मेले से कम नहीं दिख रहा था। लोगों ने जमकर खरीदारी की। इस मौके पर थाने व चौकी की पुलिस मुस्तैद रही। कार्यक्रम में विशाल पाठक प्रधान सिंहा चंदा, रामचंद्र मिश्रा प्रधान सोनबरसा, दरगाह चेयरमैन दुर्गेश जायसवाल, डाक्टर इंद्रजीत शर्मा अध्यक्ष दरगाह, नीलम सिंह, सिराजुद्दीन, डा० पंकज मिश्रा, रामायण शुक्ला, रहमान अली, डा० नवी मोहम्मद, इस्तखारुद्दीन, ईश्वर शरण दूबे, मोहम्मद आसिफ, दानिश अली, राहुल सिंह समेत भारी संख्या में लोग मौजूद रहे।
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