रेलवे की दुकानों में आगे टीन शेड व पीछे दरवाजा व दीवार बनाकर किया जा रहा कब्जा,जिम्मेदार मौन

रेलवे की दुकानों में आगे टीन शेड व पीछे दरवाजा व दीवार बनाकर किया जा रहा कब्जा,जिम्मेदार मौन

 किस शासनादेश के तहत रेंट पर दी गई रेलवे की दुकानें

पूर्वोत्तर रेलवे,गोण्डा। रेलवे विभाग द्वारा रेलवे भूमि में कईयों दुकानें बनवाकर लोगों के जीवन यापन हेतु आवंटित की गई थी जबकि वर्तमान में अधिकतर दुकानदारों द्वारा पावर ऑफ अटॉर्नी के तहत अन्य लोगों को रेंट पर दिए जाने का मामला प्रकाश में आया है। विदित हो कि हाइवे ब्रिज से होकर रेलवे स्टेशन जाने वाली मार्ग के दक्षिण दिशा में रेलवे विभाग द्वारा करीब 20 दुकानें निर्माण कराने के बाद लोगों के जीवन यापन हेतु उन्हें रेंट पर दिया गया था। जिसमें से कुछ अधिकृत दुकानदारों द्वारा स्वयं दुकान न करते हुए बाहरी लोगों को रेंट पर दे दिया गया है।।कुछ दुकानदारों द्वारा आगे की तरफ टीन शेड लगाकर कब्जा किया गया है और कुछ दुकानदारों द्वारा पीछे की तरफ दरवाजा खोलकर व हैण्डपम्प लगाकर व दीवार बनाकर कब्जा किया जा रहा है। सीनियर सेक्शन इंजीनियर गोण्डा द्वारा दुकानदारों को जारी किए गए नोटिस के अनुसार करीब 20 दुकानें आवंटित हैं जबकि मौके पर करीब 28-29 दुकानें संचालित हो रही हैं। यदि चर्चा की मानें तो एक अधिकृत दुकानदार द्वारा गुपचुप तरीके से अपने नाम की 250 वर्ग फिट से अधिक क्षेत्रफल वाली एक दुकान का विक्रय करीब 25 लाख रुपए में अन्य व्यक्ति के पक्ष में करने कर बाद से उक्त क्रेता द्वारा उक्त दुकान को अपने नाम पंजीयन कराने का प्रयास किया जा रहा है जबकि वर्तमान में विक्री की गई उक्त दुकान में भी अन्य व्यक्ति द्वारा दुकानदारी की जा रही है। अब सवाल यह उठता है कि किस शासनादेश व आदेश के तहत अधिकृत दुकानदार द्वारा अपनी  दुकान को रेंट पर दिया जा सकता है। विदित हो कि रेल अधिकारियों का वही मुख्य मार्ग है परन्तु उन्हें न जाने किस मोह-पास वश रेलवे दुकानों में किया गया अवैध अतिक्रमण व अवैध कब्जा दिखाई नही देता। बताया जाता है कि दिनांक 09.10.2023 को सीनियर सेक्शन इंजीनियर गोण्डा द्वारा दुकानदारों को नोटिस देकर कहा गया था कि 25.10.2023 तक अवैध कब्जा हटालें अन्यथा जुर्माना लगाते हुए दुकान का लाइसेंस निरस्त कराने की कार्यवाही की जाएगी। यहां बताना आवश्यक है कि सी.से.इ. कार्य गोण्डा द्वारा नोटिस देने के 05 माह बाद भी अवैध अतिक्रमण व अवैध कब्जा हटने के बजाय जोरों से फल फूल रहा है जिससे विभागीय संलिप्तता की बू आ रही है। 
इस संबन्ध में जानकारी लेने पर सी.से.इ. सुभाष चन्द्र चौधरी ने कहा कि हम जानकारी देने के लिए अधिकृत नही हैं। सीनियर डी.ई.एन. मनोज कुमार सिंह ने कहा कि प्रकरण संज्ञान में आया है जांचोपरांत नियमानुसार कार्यवाही की जाएगी।

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