सरकारी खाद्यान्न को सील ना करके संलिप्त लोगों के विरूद्ध की नहीं की गई कोई विधिक कार्यवाही।

कालाबाजारी के लिऐ रखे सरकारी राशन को पकड़े जाने के मामले को हजम कर गए जिम्मेदार 

सरकारी खाद्यान्न को सील ना करके संलिप्त लोगों के विरूद्ध की नहीं की गई कोई विधिक कार्यवाही।
विश्वस्त सूत्रों के मुताबिक ठेकेदार और कोटेदार की मिलीभगत से कालाबाजारी के लिए कई दिनों से रखा था सरकारी खाद्यान्न।

मामले में लीपापोती कर अभी तक नहीं हुई कोई कार्यवाही

कर्नलगंज, गोण्डा। तहसील क्षेत्र के अन्तर्गत गोण्डा- लखनऊ हाईवे स्थित मनोज धर्मकांटा कादीपुर में कालाबाजारी के लिए रखे लावारिस हालत में 18 बोरी सरकारी खाद्यान्न शनिवार को दोपहर में सूत्रों की सूचना पर एसडीएम कर्नलगंज भारत भार्गव के निर्देश पर नायब तहसीलदार कर्नलगंज द्वारा राजस्व कर्मियों और पुलिस बल के साथ मौके पर छापेमारी कर सरकारी खाद्यान्न को कब्जे में लिए जाने के मामले को जिम्मेदार अधिकारी हजम कर गए। विभागीय नियमों के मुताबिक पकड़े गए लावारिस सरकारी खाद्यान्न को सील कर संलिप्त लोगों के विरूद्ध विधिक कार्यवाही की जानी चाहिए थी। विश्वस्त सूत्रों के मुताबिक ठेकेदार और कोटेदार की मिलीभगत से कालाबाजारी के लिए कई दिनों से उक्त सरकारी खाद्यान्न रखा था। सूत्रों की सूचना पर एसडीएम कर्नलगंज भारत भार्गव के निर्देश पर नायब तहसीलदार कर्नलगंज अल्पिका वर्मा द्वारा की गई छापेमारी में सरकारी खाद्यान्न से भरी 18 बोरी को राजस्व विभाग और पुलिस टीम ने कब्जे में लेकर तहसील भेजवाया था,लेकिन मामले में लीपापोती कर अभी तक कोई कार्यवाही नहीं हुई है। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक नायब तहसीलदार कर्नलगंज अल्पिका वर्मा की मिलीभगत से पूर्ति निरीक्षक कर्नलगंज महेश प्रसाद के माध्यम से एक कोटेदार के यहाँ जब्त सरकारी खाद्यान्न पहुंचा दिया गया है। उपरोक्त प्रकरण में गंभीर सवाल यह उठता है कि आखिर पकड़े गए सरकारी खाद्यान्न को मौके पर सील ना करके व संबंधित के विरूद्ध वैधानिक कार्यवाही ना करके मामले में लीपापोती कर पूर्ति निरीक्षक के माध्यम से एक कोटेदार के यहाँ खाद्यान्न क्यों पहुंचा दिया गया? यही नहीं उक्त पकड़ा गया सरकारी खाद्यान्न किस कोटेदार का है और उसे लोगों द्वारा बीते कई दिनों से वहाँ क्यों रखा गया था इसकी गहन छानबीन उच्चाधिकारियों द्वारा कराये जाने तक खाद्यान्न को पुलिस अभिरक्षा में ना देकर इस खाद्यान्न कालाबाजारी के पूरे खेल में शामिल और जिम्मेदार माने जाने वाले संबधित पूर्ति निरीक्षक के माध्यम से किसी कोटेदार के यहाँ कैसे भेजवा दिया गया। इस तरह से तमाम सवाल उठ रहे हैं। आपको बता दें कि कर्नलगंज तहसील क्षेत्र में खाद्यान्न ठेकेदार, कोटेदार व जिम्मेदार अधिकारियों की मिलीभगत से खुलेआम सरकारी राशन के कालाबाजारी का गोरखधंधा चल रहा है। यहाँ राशन की दुकानों पर पूरा खाद्यान्न ना पहुंचाकर ठेकेदार व कोटेदार की सांठगांठ से बीच में ही क्षेत्र के कई स्थानों पर कालाबाजारी के लिए काफी मात्रा में खाद्यान्न उतार दिया जाता है और जमकर कालाबाजारी की जा रही है। बता दें कि बीते कई महीनों से कर्नलगंज क्षेत्र में सरकारी खाद्यान्न के कालाबाजारी का कारोबार फलफूल रहा है। मामले से खाद्य एवं रसद विभाग के जिम्मेदार जानबूझकर अंजान बने हैं। जिससे जिम्मेदार अधिकारियों, कर्मचारियों की कार्यशैली गंभीर सवालिया घेरे में है।

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