मुख्य अभियंता द्वारा दोषियों के विरुद्ध कार्यवाही में की जा रही हीलाहवाली, जबकि पुलिस ने किया फ्रॉड का खुलासा
गोण्डा। पूर्व में हुई कूटरचना मामले में जाँच टीम अध्यक्ष की भूमिका निभा रहे अधिशाषी अभियंता प्रथम राधेश्याम भाष्कर द्वारा आरोपी को बचाने के जुगत में करीब 08 माह जांच आख्या रिपोर्ट देने में हीलाहवाली किया जाता रहा परन्तु बचाव का कोई रास्ता नजर नही आया। अंत में कोतवाली नगर के नाम की एक कूटरचित तहरीर के आधार पर आरोपी को दोषमुक्त घोषित कर दिया गया। झूठ की जिंदगी अधिक दिनों की नही होती वाली कहावत यहां चरित्रार्थ हो गई। कोतवाली नगर की पुलिस द्वारा दिनाँक 05.2.2024 को मुख्य अभियंता वितरण कार्यालय में अपनी आख्या रिपोर्ट भेजकर सच्चाई को उजागर कर दिया गया। कोतवाली नगर पुलिस ने लिखा कि उपरोक्त तहरीर कोतवाली नगर में इंद्राज होना नही पाया गया, रही बात मोहर की जो खुले बाजार में बिक रहा है। पुलिस द्वारा किए गए खुलासे से सवाल उठना लाजमी है कि जांच टीम अध्यक्ष द्वारा उपरोक्त तहरीर को कोतवाली नगर गोण्डा से सत्यापित क्यों नही कराया गया। बगैर सत्यापित कराए ही कूटरचित तहरीर के आधार पर आरोपियों को दोषमुक्त करना कहीं न कहीं अनुशासन हीनता के साथ-साथ मिलीभगत की तरफ इशारा करता नजर आता है।
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