नोटिस की मियाद बीतने के बाद भी नही चेता प्रशासन,अवैध कब्जा बरकरार।
कर्नलगंज,गोण्डा। एक तरफ जहाँ सुप्रीम कोर्ट और सरकार का सख्त निर्देश है कि तालाबों को अतिक्रमण से मुक्त कराकर उसे सुरक्षित रखा जाए। वहीं दूसरी तरफ तहसीलदार न्यायालय के आदेश के बावजूद तालाब से अवैध कब्जा नहीं हटवाया गया है। मामले में तहसीलदार के न्यायालय द्वारा बेदखली का आदेश भी पारित है और अवैध कब्जेदारों को जारी की गई नोटिस की अवधि बीत जाने के बाद भी जिम्मेदार प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा जानबूझकर मामले का निस्तारण ना करके तालाब की भूमि से अवैध कब्जा नहीं हटवाया जा रहा और हीला हवाली की जा रही है। जिससे दबंग अवैध कब्जेदारों के हौंसले बुलंद हैं।
मामला कर्नलगंज तहसील क्षेत्र के ग्राम शीशामऊ का है। यहाँ के निवासी व्यक्ति नंगा ने उच्चाधिकारियों को भेजे गये पत्र में कहा है कि ग्राम स्थित गाटा सं० 712/0.049 हेक्टेयर भूमि तालाब (जलमग्न) के रूप में सरकारी अभिलेखों में दर्ज है,इस सरकारी भूमि को अवैध तरीके से पाटकर दबंग लोग कब्जा करके पक्का निर्माण कर लिये हैं। जिसके संबंध में तहसीलदार कर्नलगंज के न्यायालय पर अवैध कब्जेदारों के विरूद्ध धारा 67 उ०प्र०भू० राजस्व संहिता 2006 के अन्तर्गत वाद सं० टी 201808300506340 गांवसभा बनाम राजू, वाद सं० टी.201808300506341 गांवसभा बनाम सफीक व वाद सं० टी 201808300506338 गांव सभा बनाम अय्यूब के विरुद्ध जुर्माना अवधारित करते हुए बेदखली का आदेश पारित किया गया है। उपरोक्त के क्रम में अवैध कब्जेदारों को एक सप्ताह में अवैध कब्जा हटाने का नोटिस भी दिया जा चुका है जिसमें यह कहा गया था कि नोटिस के निर्धारित समयावधि में अवैध अतिक्रमण कर्ताओं द्वारा स्वयं अतिक्रमण नहीं हटाया गया तो पुलिस बल के साथ अतिक्रमण हटवा दिया जायेगा। शिकायत कर्ता का कहना है कि मामले में तहसीलदार के अवैध कब्जेदारों को जारी की गई नोटिस की अवधि बीत जाने के बाद भी जिम्मेदार स्थानीय अधिकारियों द्वारा जानबूझकर तालाब की भूमि से अवैध कब्जा हटवाने में हीला हवाली की जा रही है,जिससे दबंगों के हौंसले बुलंद है। उन्होंने उच्चाधिकारियों से जनहित में शीघ्र तालाब से अवैध कब्जा हटवाये जाने की मांग की है। मामले में उपजिलाधिकारी कर्नलगंज विशाल कुमार से दूरभाष के माध्यम से जानकारी करने का प्रयास किया गया लेकिन उनका फोन नेटवर्क क्षेत्र से बाहर था।
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