जिलाधिकारी ने मामले को संज्ञान लेकर सीआरओ को 07 माह पहले सौंपी थी जांच

जिलाधिकारी ने मामले को संज्ञान लेकर सीआरओ को 07 माह पहले सौंपी थी जांच
फर्जी अभिलेखों के सहारे दूसरों की जमीन हड़पने हेतु जिला गोण्डा अव्वल



गोण्डा। एक तरफ जिलाधिकारी नेहा शर्मा द्वारा जालसाजों व भूमाफियाओं के विरुद्ध कठोर कार्यवाही की जा रही है तो वहीं दूसरी तरफ कूटरचित मृत्यु प्रमाण व वसीयत के आधार पर मृतक भूस्वामी की जमीन अपने नाम कराने के बाद दूसरे के पक्ष में रजिस्ट्री बैनामा किए जाने का मामला प्रकाश में आया है। जिलाधिकारी के समक्ष दिनाँक-01.5.2023 को दिए गए शिकायती पत्र में बिहार प्रदेश के जिला छपरा अंतर्गत ग्राम चमरहिया निवासी प्रद्युमन सिंह द्वारा कहा गया है कि उसके पिता रामजी सिंह जनपद गोण्डा के तहसील तरबगंज अंतर्गत ग्राम रामपुर टेंगरहा में निवास करते थे जहां पर उनके नाम गाटा सं0-2880 की भूमि थी जिसका वह देख रेख करते थे। उम्र अधिक होने व अस्वस्थ होने पर वह अपने पैतृक स्थान बिहार चले गए जहां पर दिनाँक 01 03 2003 को उनकी मृत्यु हो गई। उसके बाद ग्राम टेंगरहा निवासी बनारसी पुत्र बर्दी द्वारा कूटरचित तरीके से दिनाँक-12.09.2006 को मृतक रामजी सिंह के नाम से एक कूटरचित वसीयत तैयार कर उसमें अपने को चाचाजात भाई दर्शाया गया तथा कूटरचित तरीके से मृतक रामजी सिंह का मृत्यु दिनाँक 13.9.2006 को होना दर्शाकर मृत्यु प्रमाण पत्र भी तैयार कराया गया। ततपश्चात
चकबन्दी के दौरान आराजी भूमि गाटा संख्या 2880 का खारिज दाखिल अपने नाम कराने के बाद उक्त भूमि गाटा संख्या 2880 को विजय लक्ष्मी पति जयप्रकाश व प्रियंका पत्नी हरीश कुमार के नाम रजिस्ट्री बैनामा कर दिया। पीड़ित ने  बताया कि उसके पिता द्वारा अपने जीवन काल मे कोई भी वसीयत नामा लिखा ही नही गया है। पीड़ित का कहना है कि उसके पिता क्षत्रिय हैं जबकि वसीयतनामा में बनारसी पुत्र बद्री जाति बरई द्वारा अपने को चाचाजात भाई होना दर्शाया गया है।   जिलाधिकारी द्वारा प्रकरण को संज्ञान लेते हुए जिला अधिकारी  द्वारा मुख्य राजस्व अधिकारी गोण्डा को जांच सौपी गयी।

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